इंशान को हमेशा अपने सुख एबम् दुखो के लिए केवल खुद को जिम्मेदार मानना चाहिए क्योकि अगर हम इन जिम्मेदारियों के लिए भी आधीन हो जायेंगे तो कुछ समय मे हमे साँस लेने के लिए भी उनकी अनुमति की आवश्यकता होगी और किसी ग्रंथ मे लिखा है " पराधीन सपने हु सुख नाही " ©SIDDHARTH VYAS #पराधीन #meditation