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एक दीप तेरे नाम का देहरी पर सजाया ख्याल तुम्हारा

एक दीप तेरे नाम का   देहरी पर सजाया
ख्याल तुम्हारा ही आया
लगा मुझे
बिखरी जुल्फों से चाँद उभर आया
भूल गया कभी थी तुम मेरी चाँदनी
तेरा जुदा होना 
दिल को न भाया
गुजरा जमाना 
दीपक की रोशनी बन उभर आया
याद करना
एक दीप मेरे नाम का तुम भी जलाना
आरजू इतनी ही करना
ये जुदाई फिर न हो
तुम बिन फिर कोई दीपावली 
हम दोनों की कभी न हो

©Kamal bhansali एक दीप तेरे नाम को
एक दीप तेरे नाम का   देहरी पर सजाया
ख्याल तुम्हारा ही आया
लगा मुझे
बिखरी जुल्फों से चाँद उभर आया
भूल गया कभी थी तुम मेरी चाँदनी
तेरा जुदा होना 
दिल को न भाया
गुजरा जमाना 
दीपक की रोशनी बन उभर आया
याद करना
एक दीप मेरे नाम का तुम भी जलाना
आरजू इतनी ही करना
ये जुदाई फिर न हो
तुम बिन फिर कोई दीपावली 
हम दोनों की कभी न हो

©Kamal bhansali एक दीप तेरे नाम को