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आँखों में सजता काजल, चरित्र पर हो तो कालिख है.. शि

आँखों में सजता काजल,
चरित्र पर हो तो कालिख है..
शिव को प्रिय है भांग-धतुरा, 
संसार के लिये वही  विष है..

वाणी मधुर तो हृदय जीत ले
हो कर्कश तो क्षण-क्षण युध्द है... 
त्याग भाव हो मन में तो सतयुग, 
आतुरता हो तो जीवन कलयुग है.. 

पैरो में चुभे काँटा तो फेका जाता,
सुई चुभे तो स्वास्थ्य के लिए हित है..
उपयोगिता का महत्त्व सदा सदा से.. 
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि मे अर्थ निहित है..

©Chanchal's poetry
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