क्यों ख़्वाब-ए- मोहब्बत देखूँ ? क्यों तेरे दिल में जगह बनाऊँ ? हौंसले मेरे बुलंदीयाँ छुने के हैं तो फिर क्यों मैं तेरे लिए मयस्सर रहूँ ~© Reserved by #KISHAN KORRAM 24 Nov. 2019 #क्यों ख़्वाब-ए- मोहब्बत देखूँ ? क्यों तेरे दिल में जगह बनाऊँ ? हौंसले मेरे बुलंदीयाँ छुने के हैं तो फिर क्यों मैं तेरे लिए मयस्सर रहूँ ~© Reserved by #KISHAN KORRAM 24 Nov. 2019