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माना आज अकेला हूं, और कोई मेरे साथ नहीं है। माना व

माना आज अकेला हूं, और कोई मेरे साथ नहीं है।
माना वक्त नहीं है मेरा, इसमें कुछ नयी बात नहीं है।
माना रात अभी लंबी है, सूरज मेरा उगा नहीं है।
माना पथ पर बाधाएं है, भाग्य ये मेरा जगा नहीं है।
माना संघर्षों से लड़कर, गिरकर उठकर फिर से लड़कर, 
हार चुका हूं जीवन रूपी, कांटो की राहों पर चलकर।
पर प्रण है जीवन के हर, वार का मै प्रतिकार करूंगा।
अपने इस साहस के बल पर, एक नहीं हर बार करूंगा।
हृदय पटल पर ये प्रण अंकित, ये साहस हितकारी है।
जीवन की मुश्किल राहों पर, सफर निरंतर जारी है

©Roopesh Singh Lucky #Hope 
#Hopeless
माना आज अकेला हूं, और कोई मेरे साथ नहीं है।
माना वक्त नहीं है मेरा, इसमें कुछ नयी बात नहीं है।
माना रात अभी लंबी है, सूरज मेरा उगा नहीं है।
माना पथ पर बाधाएं है, भाग्य ये मेरा जगा नहीं है।
माना संघर्षों से लड़कर, गिरकर उठकर फिर से लड़कर, 
हार चुका हूं जीवन रूपी, कांटो की राहों पर चलकर।
पर प्रण है जीवन के हर, वार का मै प्रतिकार करूंगा।
अपने इस साहस के बल पर, एक नहीं हर बार करूंगा।
हृदय पटल पर ये प्रण अंकित, ये साहस हितकारी है।
जीवन की मुश्किल राहों पर, सफर निरंतर जारी है

©Roopesh Singh Lucky #Hope 
#Hopeless