Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेशर्म बीबी के चक्कर में बहुतेरे, अक्सर माँ को भू

बेशर्म

बीबी के चक्कर में बहुतेरे, अक्सर माँ को भूल गये बीबी से मज़बूर हो तो, क्यों न सूली पर झूल गये, बुढ़ापे के इस पड़ाव पर माँ को तुमनें छोड़ दिया अपनें कुलटा बीबी के चलते, माँ से तूनें मुख मोड़ दिया, दर बदर घूम रही है माँ फिर भी, शर्म तुझें नहीं आती है सोते समय भी तेरा ज़मीर, कुछ नहीं बतलाती है, करते क्यों फिर ज्ञान की बातें, मौज़ से कटती तेरी रातें छोड़ कर माँ को फेस बुक पर, बीबी के संग आते हो लोग भले मुँह पर ना बोलें,बेशर्म कहलाते हो | 
अशोक वर्मा" हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard" बेशर्म
बेशर्म

बीबी के चक्कर में बहुतेरे, अक्सर माँ को भूल गये बीबी से मज़बूर हो तो, क्यों न सूली पर झूल गये, बुढ़ापे के इस पड़ाव पर माँ को तुमनें छोड़ दिया अपनें कुलटा बीबी के चलते, माँ से तूनें मुख मोड़ दिया, दर बदर घूम रही है माँ फिर भी, शर्म तुझें नहीं आती है सोते समय भी तेरा ज़मीर, कुछ नहीं बतलाती है, करते क्यों फिर ज्ञान की बातें, मौज़ से कटती तेरी रातें छोड़ कर माँ को फेस बुक पर, बीबी के संग आते हो लोग भले मुँह पर ना बोलें,बेशर्म कहलाते हो | 
अशोक वर्मा" हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard" बेशर्म