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*पिता जी को समर्पित चंद पंक्तियाँ* पास मेरे जो

*पिता जी को समर्पित चंद पंक्तियाँ*


पास  मेरे  जो  है  दौलत  आपकी है।
याद  मुझको हर हिदायत आपकी है।

सात  पुश्ते  बैठ  कर  जिसमें  पलेगी,
साथ  मेरे   वो  विरासत  आपकी  है।

जो भला कहता है मुझको ये जमाना,
बस  अमानत में शराफत आपकी है।

बन  गई  है  सादगी पहचान जिनकी,
हर  दिलों  पर बादशाहत आपकी है।

बैठते  हो  फिट सभी किरदार में तुम,
इस  जहां  से  नेक सीरत आपकी है।

©कमलेश मिश्र
  पिता