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ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल कुछ तो किरण की गिरहें खोल श

ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल
कुछ तो किरण की गिरहें खोल

शितिज खड़ा बाँहें फैलाये
धरा अड़िग है आस लगाए
प्यासे समंदर में नव रंग घोल
ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल

पँछी हैं परदेस से लौटे
कल की नूतन आस को औटे
पिंजरों में कटे वो पर भी खोल
ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल

✍️मुफ़लिस शायरा
#mk_monikakakodia #nojotohindi #mk_monikakakodia
#शाम
ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल
कुछ तो किरण की गिरहें खोल

शितिज खड़ा बाँहें फैलाये
धरा अड़िग है आस लगाए
प्यासे समंदर में नव रंग घोल
ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल

पँछी हैं परदेस से लौटे
कल की नूतन आस को औटे
पिंजरों में कटे वो पर भी खोल
ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल

✍️मुफ़लिस शायरा
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