ये दुनिया रंगमंच है। हम सबको यहां अपने अपने किरदार को बखूबी निभाना पड़ता है। दुःख का मूल कारण हमारी आवश्कताएं नहीं हमारी इच्छाएं हैं। हमारी आवश्यकताएं तो शायद कभी पूर्ण भी हो सकती हैं। मगर इच्छाएं नहीं। इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकतीं और ना ही किसी की हुईं हैं आज तक। एक इच्छा पूरी होती है तभी दूसरी खड़ी हो जाती है। इसलिए अगर इस रंगमंच रूपी दुनिया में खुश रहना है तो अपनी इच्छाओं को समेटने का भरपूर प्रयास कीजिए। ✍️अरुण द्विवेदी अनन्त श्री अयोध्या धाम 9918140485 ©कवि अरुण द्विवेदी अनन्त #arundwivedeanant #covidindia Harsha Rajendra Wadiya Dev Ratna