मिश्री सा रस घोल न पाए।
बंद जुबां ये डोल न पाए।
जिनको सबसे प्यारा था मैं,
बोल प्यार के बोल न पाए।
हर पल मुझको तड़पाए हैं।
आंखों से नीर बहाए हैं।
कभी मिला न प्यार हमें पर, #शायरी#kaviarundwivedianant
कवि अरुण द्विवेदी अनन्त
वाणी से दुख सारे हरती,
दिल की हो उजियार प्रिये।
तुमसे चलती सांसे मेरी,
करती हो उपकार प्रिये।
स्वार्थ रहित सदा रहकर ही,
प्रेम के जल से सींचा है। #ValentineDay#शायरी
कवि अरुण द्विवेदी अनन्त
कलुषित मन अज्ञानी जन हैं ज्ञान का दो वरदान भवानी।
दूर करो दुख दर्द सभी के हम बच्चे नादान भवानी।
वासंती सुख जीवन में हो मां सबका कल्याण करो,
तुमसे ही मां सृष्टि ये चलती दो भक्ती का दान भवानी।
✍️@अरुण द्विवेदी अनन्त
@श्री अयोध्या धाम #शायरी
कवि अरुण द्विवेदी अनन्त
तिलक लगाए भाल सीमा पर डटे हुए,
पूज्य सैनिकों पे इस देश को गुमान है।
वीरों की है परिपाटी पावन ये भूमि सदा,
चमकें हैं सूर्य जैसे हमें अभिमान है।
छब्बीस जनवरी गणतंत्र दिवस आज,
आज ही के दिन लागू हुआ संविधान है।
जाति धर्म विविध अनेकता में एकता है,
इसी से हमारा देश भारत महान है। #शायरी#Januarycreators