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मुझे जब खुद के महफिल से रुखसत करना तो ऑंखों में ऑ

मुझे जब खुद के महफिल से रुखसत करना
 तो ऑंखों में ऑंसू और लवों पे हॅंसी रखना

जाऊॅं चार कंधे पर ही सही
पीछे हजारों अपनी ऑंखों में ऑंसू रखना

शिक्षक हूॅं ! अधिक पैसा तो कमाया नहीं हूॅं 
बस अपने दिल में नेकी,ईमानदारी और सच्चाई रखना

(एक शिक्षक की आखिरी ख्वाहिश)

©Hariom Pratap Singh
  #mujhe_jab_khud_ke_mehfil_se_rukhsat_karna