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White चाहत हो गई तुझसे" अच्छा नहीं है प्रेम रोग,

White चाहत हो गई तुझसे"

अच्छा नहीं है प्रेम रोग, लोग 
रुसवाईयां करते हैं ज़माने भर में,
एक नज़र देखे बिना दिल नहीं 
 लगता, घुटन सी होती अपने घर में।

सब अपने, पराए से लगने लगते हैं,
अपना ही दिल रहता नहीं अपने बस में।
याद सताती है जब भी रातों में,
 मिलन का दर्द जाग उठता हैनस नस में।

न जाने और भी क्या-क्या, सुन के 
रक्खा है , चाहत ए अंजाम ए मोहब्बत में।
न जाने कौन सी घड़ी में तुझको 
 देखा था बेदर्दी ,की चाहत हो गई तुझसे।

©Anuj Ray
  ##चाहत हो गई तुझसे "
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

##चाहत हो गई तुझसे " #शायरी

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