आहिस्ता आहिस्ता चढेगा सुरूर इसका ये इश्क़ ए नशा है ज़रा सम्भल कर रहना हुज़ूर खुमार इसका जानलेवा है छू जाए जो दिल को तो आदत बन जाए ये लाख बचाओ फिर खुद को ये नशा मरते दम तक फिर ना उतरेगा ©Ankur Mishra #आहिस्ता_आहिस्ता #worldpostday