चराग़े-दिल जलाने से रोशन घर नहीं होता, किसी को आजमाने से कभी बेहतर नहीं होता, अगर विश्वाश करना है तो अपने आप पर कर ले, क्योंकि तुझे मुझपर पर नहीं होता मुझे तुझपर नहीं होता। कवि विपिन कुमार तनहा ©Vipin Sir St. Secretariat Kumar मुहब्बत के हवाले से #seashore