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जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आयी हैं, कि कोई राह नहीं द

 जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आयी हैं, 
कि कोई राह नहीं दिख रहा है। 
हर मोड़ पर अंधेरा ही है,
गिरना है खुद ही संभलना हैं, 
अँधेरे को चीर कर
 इक नयी राह बनानी है, 
जिंदगी से यही तजुर्बा सिख रहा है।
इसी बात की कोशिश कर रहा हैं। 
कि इक रोज सवेरा होगा और
हमारी राहों का अँधेरा 
धीरे धीरे, छट रहा है।।

©Pramod Singh Pal
  अँधेरा राही का

अँधेरा राही का #जानकारी

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