जब जब तेरे करीब आता हूँ मैं मदहोश इश्क में बिखर जाता हूँ मैं, तेरी तपती ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की , मैं मोह बर्फ तिल तिल पिघल जाता हूँ सुर्ख अधरों की आग लिए प्रेम रस सुधा मैं आनंद के गोते लगाता मैं , खुलने को बेताब बंद सुर्ख गुलाब कोमल कलियाँ समेटने को सारा संसार जैसे प्यास खींचें कई सौं बार उस मादकता को महकाता मैं #neerajwriteserotica जब जब तेरे करीब आता हूँ मैं मदहोश इश्क में बिखर जाता हूँ मैं तेरी तपती ख्वाहिश लेकर मुझें समाने की , मैं मोह बर्फ तिल तिल पिघल जाता हूँ सुर्ख अधरों की आग लिए प्रेम रस सुधा मैं आनंद के गोते लगाता मैं , खुलने को बेताब बंद सुर्ख गुलाब कोमल कलियाँ समेटने को सारा संसार