Nojoto: Largest Storytelling Platform

इक चांद के इन्तजार में, सुबह की पहर, शा











इक चांद के इन्तजार में, 
सुबह की पहर, शाम हुई। 
 जब कोई न था तनहाई में, 
चुपके से आंखे थी चार हुई। 
       वो तसल्ली दे गया, 
फिर अगली चांदनी में मिलने की। 
मैं गिन रहीं घडियां, 
जैसे प्यासी चिडिय़ा 
पर वो न मुकरे, न दिये जबाब
ये भी कोई भला बात हुई।।
।। आवरण।।

©Kuldeepak Singh 
  #dusk #आवरण #मोहब्बत #हमसफर #जिंदगी #aavran #life #love #nojohindi #nojo