आँखों में रख लो मुझे.... कोई और ठिकाना नही जमता....! तेरी गोद में सर रख के सोना है मुझे... बेजान तकियों का सहारा नहीं जमता...!! तू नदी है मुझे ले चल कहीं दूर बहा कर.... भीड़ भरा अनजान किनारा नही जमता...!!! ✍.......P.k.saroj आँखों में रख लो मुझे.... कोई और ठिकाना नही जमता....! तेरी गोद में सर रख के सोना है मुझे... बेजान तकियों का सहारा नहीं जमता...!! तू नदी है मुझे ले चल कहीं दूर बहा कर.... भीड़ भरा अनजान किनारा नही जमता...!!!