साँथ रहो तो सबसे बेहतर मौन रहो आभारी है,हमारी उन लोगों से केवल इतनी रिश्तेदारी है,सारी दुविधा प्रतिशत पर है सच कितना बोला जाए,और आजकल गूँगे सीखा रहे हैं हमको की मुँह कितना खोला जाए। ©प्रभाकर अजय शिवा सेन साँथ रहो तो सबसे बेहतर मौन रहो आभारी है। #selflove