वो पुल पे फिर मिलने नही आई मैं बहता पानी हो के भी ठहर गया गाँव में अब सिर्फ उदासी खेलती है बचपन था जो सारा अब शहर गया उसके मिलने की आस में जिंदा रहा चाहे गले तक मेरे जहर गया #wingsofpoetry #yqdidi #yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with Meenakshi Sethi