2 ll चौपाई ll शून्य माहि वह जोत दिखावे l चितवत देह दृष्टि नहिं आवे ll स्वर्ग सीस पग आहि पताला l येहि मत ब्रह्मा भौ मतवाला ll वह शून्य में ज्योति दिखाता है, अर्थात प्रकाश दिखता है, परंतु देखते हुए उस की देह दृष्टि में नहीं आता l उस निराकार -निरंजन का शीश स्वर्ग है और पांव पाताल है l इस वेद -मत ब्राह्मा मतवाला ( प्रसनन ) हो गया ©kishan mahant #निराकार ( निरंजन ) का पता लगाना 2