क्यों चैन नही मिलता दिल को बेचैनी के उबालें है क्या मैं हूँ परेशान या मेरी सोच की ये गहरी चालें हैं साज़िश रची एक दफा फिर उसने मेरे खिलाफ मैं ही हूँ मैंने खुद के कत्ल की रची नाकाम चालें है FULL READ IN CAPTION 👇👇👇 * नाकाम * क्यों चैन नही मिलता दिल को बेचैनी के उबालें है क्या मैं हूँ परेशान या मेरी सोच की ये गहरी चालें हैं साज़िश रची एक दफा फिर उसने मेरे खिलाफ मैं ही हूँ मैंने खुद के कत्ल की रची नाकाम चालें है