मेरा कहा तब सुनोगी न अगले जन्म में मिलोगी न एक तमन्ना थी तुम्हें बतला सकूँ लाल जोड़े में तुम्हें अपना सकूँ एक स्वप्न सच अगर मैं कर सकूँ माँग तेरी लालिमा से भर सकूँ किंतु कड़वे सच को हूँ मैं पी रहा फिर भी तुमको सोच कर ही जी रहा इस जन्म तो बन गयी हो तुम पराई अगले जन्म बस मेरी ही बनोगी न मेरा कहा तब सुनोगी न अगले जन्म में मिलोगी न जब तुम्हारी प्रीत मेरी हो जाएगी सालगिरह जिस दिन तुम्हारी आएगी इस जन्म से ही हूँ मैं तैयार सा मैं मनाना चाहूंगा वो दिन त्योहार सा और विवाह की वर्षगांठ जब आएगी इक दीवाली हर वर्ष और मन जाएगी एक सुंदर सा सफर तैयार है साथ उस सफर पर तुम चलोगी न मेरा कहा तब सुनोगी न अगले जन्म में मिलोगी न प्रेम मैंने जिस तरह तुमसे किया है हर घड़ी और हर घड़ी तुमको जिया है है निवेदन इस तरह तुम प्यार करना मुझपे अपना सर्वस्व न्यौछार करना क्या पता अगले जन्म क्या रहे मुझमें मैं तो सारे जन्म जी चुका हूँ तुझमें है प्रतीक्षा एक बार मुझ सा जियो तुम दो वचन ऐसा ही तुम करोगी न मेरा कहा तब सुनोगी न अगले जन्म में मिलोगी न इस जन्म तो पीर अंदर रह गयी आँख बनकर बस समंदर रह गयी नीर खारा मेरे अंदर रह गया प्रेम सारा मेरे अंदर रह गया अगले जन्म फिर से ये कोशिश करूंगा जितना हो सके उतना तुम पर लिखूंगा इस जन्म तो तुम पर समय है ही नहीं पर अगले जन्म में तो रोज़ पढ़ोगी न मेरा कहा तब सुनोगी न अगले जन्म में मिलोगी न #Saransh