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"महावीर" महावीर ही वीर रहे, लिया जगत अवतार। कुंड

  "महावीर"
महावीर ही वीर रहे, लिया जगत अवतार।
कुंडलपुर बलिहार है,हो रही जय-जयकार 
छवि मनोहर वीर की, जन-जन हुआ निहाल।
मूलमंत्र दिया धर्म का,सिद्धार्थ के लाल।
क्षमा गुणों के धनी सन्मति कृपा निधान।
अष्ट कर्म को छोड़ दिया, अष्ट सिद्धि वरदान।
सत्य अहिंसा धार कर,हरी जगत की पीर।
सती चन्दना तार कर,बने परायण वीर।
चार ज्ञान धारी प्रभु, झुकाऊं माथ प्रधान।
दिव्य ध्वनि में मोक्ष का, वर्णित पूर्ण विधान।

 डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद
स्वरचित व मौलिक रचना

©rekha jain
  #Mountains महावीर स्वामी
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rekha jain

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#Mountains महावीर स्वामी

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