ज़ख्म खाते खाते छोड़ा साथ दम ने माज़रत इश्क़ करने की ख़ता कर ली थी हमने माज़रत सर पटक कर चीख़ता है दर्द मेरा हर घड़ी देख मुझको कह दिया है खुद ही ग़म ने माज़रत -फ़िरदौस माज़रत