ख़ुद तन्हा था, बेशुमार भीड़ की ये बगिया बना दी, ठहरा था आप सो वक़्त की उफनती नदिया बना दी, आज़ाद था, तरस गया था किसी तरह की बंदिश को, सो उसने तमाम मजबूरियों में क़ैद ये दुनिया बना दी... ©Shubhro K #असंभव_है_समझना #तुम्हारे_बस_का_नहीं #You_wont_understand #high_IQ_stuff