तुम पुल पे फिर मिलने नही आई मैं बहता पानी हो के भी

तुम पुल पे फिर मिलने नही आई
मैं बहता पानी हो के भी ठहर गया
गाँव में अब सिर्फ उदासी खेलती है 
बचपन था जो सारा अब  शहर गया
तेरे  मिलने  की आस  में जिंदा  रहा
चाहे  गले  तक  मेरे  जहर   गया #wingsofpoetry  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Meenakshi Sethi
तुम पुल पे फिर मिलने नही आई
मैं बहता पानी हो के भी ठहर गया
गाँव में अब सिर्फ उदासी खेलती है 
बचपन था जो सारा अब  शहर गया
तेरे  मिलने  की आस  में जिंदा  रहा
चाहे  गले  तक  मेरे  जहर   गया #wingsofpoetry  #YourQuoteAndMine
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vishalvaid9376

Vishal Vaid

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