Nojoto: Largest Storytelling Platform

रजनी छन्द  :-  गीत राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ क

रजनी छन्द  :-  गीत
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।
राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान.....

राम तन-मन में हमारे प्राण कहते हैं ।
भक्त हनुमत हैं सुनो श्री राम कहते हैं ।।
आज सजती ये अयोध्या राम देखेंगे ।
भक्त उनके आज फिर श्री राम बोलेंगे ।।
माँ सिया के मैं चरण नित शीश हूँ रखता  ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ....

लौट आयें आज रघुवर धाम अपने हैं ।
अब अयोध्या में सुनों श्री राम अपने हैं ।।
जल रही है दीप माला अब अयोध्या में ।
हो चुकी है प्राण प्रतिष्ठा आज प्रतिमा में ।।
आज प्रतिमा से उसी मैं झोलियाँ भरता  ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता  ....

भाग्य जन-जन का उदय होने लगा है अब ।
राम मय सुन ये जगत होने लगा है अब ।।
राम से बढ़कर किसी को कुछ नहीं प्यारा ।
एक उनकी दिव्य ज्योती तम हरे सारा ।।
आज मैं आशीष पा उनकी शरण रहता ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।।

राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।
राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।
२६/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रजनी छन्द  :-  गीत


राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।

राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।

राम का ही मैं यहाँ गुणगान.....
रजनी छन्द  :-  गीत
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।
राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान.....

राम तन-मन में हमारे प्राण कहते हैं ।
भक्त हनुमत हैं सुनो श्री राम कहते हैं ।।
आज सजती ये अयोध्या राम देखेंगे ।
भक्त उनके आज फिर श्री राम बोलेंगे ।।
माँ सिया के मैं चरण नित शीश हूँ रखता  ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ....

लौट आयें आज रघुवर धाम अपने हैं ।
अब अयोध्या में सुनों श्री राम अपने हैं ।।
जल रही है दीप माला अब अयोध्या में ।
हो चुकी है प्राण प्रतिष्ठा आज प्रतिमा में ।।
आज प्रतिमा से उसी मैं झोलियाँ भरता  ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता  ....

भाग्य जन-जन का उदय होने लगा है अब ।
राम मय सुन ये जगत होने लगा है अब ।।
राम से बढ़कर किसी को कुछ नहीं प्यारा ।
एक उनकी दिव्य ज्योती तम हरे सारा ।।
आज मैं आशीष पा उनकी शरण रहता ।
राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।।

राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।
राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।
२६/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रजनी छन्द  :-  गीत


राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।

राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।

राम का ही मैं यहाँ गुणगान.....

रजनी छन्द  :-  गीत राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता । राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।। राम का ही मैं यहाँ गुणगान..... #कविता