तेरी निगाहों मे वो कशक नही रही।।मान कर बैठे थे हसरत नही रही ।। धुआँ मे देख लेता हु।।खुद का ही मंजर अंसुओ कि झलावे का अलग ही मंजर है।। बाबा tk.. manjar...