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ख़्वाब में माथा मेरा चूमा था उसने दिन भर उस ख़्वाब

ख़्वाब में माथा मेरा चूमा था उसने
दिन भर उस ख़्वाब में मैं डूबी रही।

उंगलियों से जुल्फें मेरी संवारी थी उसने
दिन भर जुल्फों में मैं अपनी उलझी रही।

खुशबू इश्क़ की छोड़ गया था मेरे लबों पर,
दिन भर उसके इश्क़ में मैं महकती रही।

सीने से लगाया मोहब्बत से मुझे उसने
दिन भर उस एहसास को मैं सीने से लगाए रही।

मिलने फिर आऊंगा कहकर गया था
मिलने को उससे मैं दिन भर सोती रही।

©M.A.KHAN #वेलेंटाइन गजल Ayan Choudhary NASIBU NANGLI Suraj.rajput Mohd Umair Khan Irfan Ahmad
alammasood9467

M.A.KHAN

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#वेलेंटाइन गजल Ayan Choudhary NASIBU NANGLI Suraj.rajput Mohd Umair Khan Irfan Ahmad #ValentineDay

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