मैं जिसको लिखता हूँ और बार बार मिटाता हूँ चलो आज तुमको मैं वो एक ग़ज़ल कहता हूँ किसी को अपनी महबूबा चाँद सी लगती होगी मैं तो आसमां के चाँद को तेरा हमशक्ल कहता हूँ मैं तेरे प्यार को ही खुदा की नेहमत नही मानता तेरी नाराज़गी को भी रब का फज़ल कहता हूँ वो अलग बात है की जुर्म ये कहीं दर्ज न हो मैं तो बेवफाई को भी इरादे ए क़त्ल कहता हूँ वो समुंदर जिसने किसी की प्यास बुझाई ही नही दुनिया जिसे सजल कहती हैं मैं उसे अजल कहता हूँ लहलहाते है खुशी और और गम के मौसम में भी इन आंसुओं को भी मैं प्यार की फसल कहता हूँ पहली बाज़ी जीतने वाले ने कुछ न सीखा इश्क़ में हार के फिर दांव लगाए जो उसको अव्वल कहता हूँ #cinemagraph फजल ----कृपा, मेहरबानी सजल ---- जल से भरा अजल ----बिना जल के #qdidi #love #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद #life