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- दोहा - 1- शामत आई आजकल, नयनों की ही खूब। कोई इन्

- दोहा -
1-
शामत आई आजकल, नयनों की ही खूब।
कोई इन्हें लड़ा रहा, कोई जाता डूब।।
2-
दोहों में जारी अभी, ऐसा है कुछ दौर।
नयनों के अतिरिक्त अब, कथ्य न भाता और।।
-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava  हिंदी कविता
- दोहा -
1-
शामत आई आजकल, नयनों की ही खूब।
कोई इन्हें लड़ा रहा, कोई जाता डूब।।
2-
दोहों में जारी अभी, ऐसा है कुछ दौर।
नयनों के अतिरिक्त अब, कथ्य न भाता और।।
-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava  हिंदी कविता