ज़रा सी रोशनी दे दो,तिमिर में खो रहे हैं जो। सहारा हो उन्हें कुछ तो,गरीबी ढो रहे हैं जो।। भले किस्मत नहीं अच्छी, दुखों में रो रहे हैं जो। नयन में नीर लेकर अब,गमों को धो रहे हैं जो।। #सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. @सर्वाधिकार सुरक्षित