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लघुकथा (प्रेम विवाह) एस्केलेटर से जाते हुए आकाश क

लघुकथा (प्रेम विवाह)
एस्केलेटर  से जाते हुए आकाश की नजर सहसा सुरभि पर पड़ी, सुरभि!..सुरभि! आकाश ने आवाज दी।
सुरभि नजर बचाते हुए तेज कदमों से आगे बढ़ी चली जा रही थी...शायद उसने भी आकाश को देख लिया था।लेकिन सुरभि आँखों से ओझल होती,उससे पहले ही आकाश को सामने खड़ा पाया।
"कैसी हो सुरभि?अभी तक तुमने मेरे सवाल का कोई जवाब नही दिया?हाँ या ना... कुछ तो बोलो सुरभि..! नही रह सकता तुम्हारे बगैर ,आखिर क्यों नही कर सकते हम दोनों #प्रेम विवाह।" आकाश सवाल पर सवाल दागता रहा।

"प्लीज़!मुझे समझने की कोशिश करो,ये सही नही है आकाश! नही जानती थी तुम शादी शुदा इंसान और दो बच्चों के पिता हो, अपनी खुशी के लिए मैं दुसरो की खुशी कैसे छीन सकती हूँ?इसके लिए मेरी आत्मा कतई गवाही नही देती।अब जाओ भी,बीबी बच्चे तुम्हारा इंतजार कर रहे होंगे।" सुरभि ने बिछुड़ते हुए कहा। #प्रेम विवाह...💐
लघुकथा (प्रेम विवाह)
एस्केलेटर  से जाते हुए आकाश की नजर सहसा सुरभि पर पड़ी, सुरभि!..सुरभि! आकाश ने आवाज दी।
सुरभि नजर बचाते हुए तेज कदमों से आगे बढ़ी चली जा रही थी...शायद उसने भी आकाश को देख लिया था।लेकिन सुरभि आँखों से ओझल होती,उससे पहले ही आकाश को सामने खड़ा पाया।
"कैसी हो सुरभि?अभी तक तुमने मेरे सवाल का कोई जवाब नही दिया?हाँ या ना... कुछ तो बोलो सुरभि..! नही रह सकता तुम्हारे बगैर ,आखिर क्यों नही कर सकते हम दोनों #प्रेम विवाह।" आकाश सवाल पर सवाल दागता रहा।

"प्लीज़!मुझे समझने की कोशिश करो,ये सही नही है आकाश! नही जानती थी तुम शादी शुदा इंसान और दो बच्चों के पिता हो, अपनी खुशी के लिए मैं दुसरो की खुशी कैसे छीन सकती हूँ?इसके लिए मेरी आत्मा कतई गवाही नही देती।अब जाओ भी,बीबी बच्चे तुम्हारा इंतजार कर रहे होंगे।" सुरभि ने बिछुड़ते हुए कहा। #प्रेम विवाह...💐