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रिश्तेदार के घर कार्यक्रम में जाना था सो देर शाम

 रिश्तेदार के घर कार्यक्रम में जाना था
सो देर शाम हो गया था 
सभी मेहमानवाजी में लगें थे
समारोह का हिस्सा बन रात को सोया
सुबह  थोड़ी देर से जगा था 
*****
फिर अहले सुबह था
एक माँ आती है हाथ मे थाली लिए
एक उम्मीद के साथ कुछ तो रात का बचा होगा
लेकिन जो उस गरीब माँ ने कहा
वो हृदय को झकझोर देने वाला था
बोली मेरे दोनों बच्चे रो रहे हैं
वो रात में सो गया था इसीलिए
भोज नही खा सका अब जिद पर अड़ा है
लगा एक माँ कितनी कमजोर होती है
जब उसका बेटा रोटा है
फिर घर वाले ने उसे रात का बचा था दे दिया
लेकिन सवाल वही पर था
क्या लोग आज भी इतने गरीब होते है
और एक माँ की कितनी विवशता है
ऐसे नजारे आज भी दिख जाते है।

©ranjit Kumar rathour
  लाचार माँ

लाचार माँ #विचार

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