मेरी गृहस्थी,तुम्हारा आजीवन कारावास नहीं संगिनी संग संतान है, अनचाहा प्रेमपाश नहीं। तुम्हारे प्रति कुछ कर्तव्य हैं मेरे, तुम्हारी संवेदना पर मेरा अधिकार नहीं, अर्द्धांगिनी हूँ, सहचरी हूँ, तुम्हारी कामनाओं की सख्त पहरेदार नहीं। मेरी गृहस्थी, तुम्हारा आजीवन कारावास नहीं संगिनी संग संतान है, अनचाहा प्रेमपाश नहीं। तुम्हारे प्रति कुछ कर्तव्य हैं मेरे, तुम्हारी संवेदना पर मेरा अधिकार नहीं, अर्द्धांगिनी हूँ, सहचरी हूँ, तुम्हारी