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पक्षी और प्यार ------------------ कितना भी प्यार

पक्षी और प्यार 
------------------
कितना भी प्यार क्यों न दो
पक्षी एक दिन उड़ ही जाता है 
प्रेम का पिंजरा तोड़कर
दिल को तार-तार करते हुए
कितना भी पुचकरो
वह नहीं लौटता
फिर वही ख़ालीपन होगा 
फिर वही खाली पिंजरा 
सूना दिल
छलकती आंखें 
और, दिल में 
वापस आने की आशा
संसार फिर हरा-भरा होने की आकांक्षा 
पर कहीं न कहीं अंतर्मन जानता है 
पक्षी नहीं लौटेगा
फिर भी आँखें हर दिन सपने देखता है 
हाय रे जीवन! 
शायद धड़कने इसी वजह से नहीं रुकती।

©Subhalakshmi Pattnaik #subhalakshmi_pattnaik
#प्यार 
#पक्षी 
#सूनापन 

#changetheworld
पक्षी और प्यार 
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कितना भी प्यार क्यों न दो
पक्षी एक दिन उड़ ही जाता है 
प्रेम का पिंजरा तोड़कर
दिल को तार-तार करते हुए
कितना भी पुचकरो
वह नहीं लौटता
फिर वही ख़ालीपन होगा 
फिर वही खाली पिंजरा 
सूना दिल
छलकती आंखें 
और, दिल में 
वापस आने की आशा
संसार फिर हरा-भरा होने की आकांक्षा 
पर कहीं न कहीं अंतर्मन जानता है 
पक्षी नहीं लौटेगा
फिर भी आँखें हर दिन सपने देखता है 
हाय रे जीवन! 
शायद धड़कने इसी वजह से नहीं रुकती।

©Subhalakshmi Pattnaik #subhalakshmi_pattnaik
#प्यार 
#पक्षी 
#सूनापन 

#changetheworld