Nojoto: Largest Storytelling Platform

भऊंरे के भय से कभी, पुष्प नहीं खिलता है क्या? मधुर

भऊंरे के भय से कभी,
पुष्प नहीं खिलता है क्या?
मधुर सुगंधित रस चूसता,
विचलित पुष्प होता है क्या?
फिर इन कांटों से
क्यों डरूं मैं?
हर वक्त अनुबंधन
क्यों करूं मैं?
पूर्व नियत भाग्य से
क्यों लडूं मैं?
संघर्षों को ही राह बनाऊं
निराधार सा जी गए बस
भला ऐसा भी क्यों मरूं मै? निराधार सा क्यों जियुं मै.... #kc
भऊंरे के भय से कभी,
पुष्प नहीं खिलता है क्या?
मधुर सुगंधित रस चूसता,
विचलित पुष्प होता है क्या?
फिर इन कांटों से
क्यों डरूं मैं?
हर वक्त अनुबंधन
क्यों करूं मैं?
पूर्व नियत भाग्य से
क्यों लडूं मैं?
संघर्षों को ही राह बनाऊं
निराधार सा जी गए बस
भला ऐसा भी क्यों मरूं मै? निराधार सा क्यों जियुं मै.... #kc