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कुन्दन सिंह चौहान

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कुन्दन सिंह चौहान

चलिए!
सर्द इस मौसम को भी देखते हैं..

 ख्वाहिशों को जलाकर, उनकी तपिश को ही सेंकते हैं।

 - कुन्दन कृति #coldnights
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कुन्दन सिंह चौहान

आंचल : उत्तर का

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कुन्दन सिंह चौहान

भावनाएं ...
खुद के घर पर भी,
बेघर सी होती हैं।
उमड़ती हैं,
मगर..
छले जाने का खौफ,
उन्हें अपने ही घर के,
किसी कोने में कहीं,
जैसे दबा सा देता है।
उनकी सादगी,
और सरलता,
बनावटी दुनिया की,
बनावटी संवेदनाओं से कभी,
मेल नहीं खा पाती।

भावनाओं का..
अपने ही घर पर,
दम घुटता जैसे।
फिर परिस्थितियों के हाथ,
मानो दबा देते हैं,
उनका गला।
और जीते - जी,
मर जाती हैं,
भावनाएं।

 फिर...
उमड़ने का साहस,
कभी नहीं कर पाती हैं।
अंदर किसी कोने में,
मानो जिंदा लाश की तरह,
बस घुटन भरी सांसे ही,
उनकी नियति बन जाती हैं।
और खुद के घर पर ही,
बेघर सी हो जाती है।


#कुन्दन_कृति good morning

#steps
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कुन्दन सिंह चौहान

राहों का टेढापन,
और...
उन पर चलने की जिद।
मंजिलें अदृश्य भी हों,
तब भी ..
जीने का मज़ा है।

     
#कुन्दन_कृति शुभ प्रभात।🥰

#walkingalone

शुभ प्रभात।🥰 #walkingalone #कुन्दन_कृति

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कुन्दन सिंह चौहान

तथस्टता..
तेरे  कातिल कौन?

आत्मघाती सी बहती,
धाराओं में,
बंटे हुए विचार?

दोगलेपन की जमीं पर,
फूलते - पलते,
संवेदनहीन हाड़ - मांस? #walkingalone
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कुन्दन सिंह चौहान

हे!
तथाकथित समाज।
तुझसे ज्यादा महफूज़,
तुझसे ज्यादा सभ्य तो,
जानवरों का जंगल लगता है।

हे !
तथाकथित मीडिया,
अब कब पूछेगा भारत?
अब कब होगा आर-पार?
अब कब होगा दंगल?

हे!
तथाकथत इंसानों
अब कर्तव्यों की,
 इतिश्री करिए। 
खुद की ही मर चुकी,
 संवेदनाओं का जनाजा,
कैंडल मार्च के रूप में,
निकालिए।

#न्याय।
#कुन्दन_कृति। #justice

#Stoprape
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कुन्दन सिंह चौहान

अपने सन्नाटे की,
आहट सुनकर;
सहम सी गई,
सुनसान वो "रात"...

मुझ पर मेरा ही,
भय यह कैसा ?
पछताती रही,
अपनी नियति पर;
सोचती रही वो पूरी "रात"


एकाकीपन की,
सारी सीमाओं ने ;
क्यों घेरा है मुझको ही?
पूछती रही खुद से ही;
बेबस सी, तन्हा वो "रात"..
 
     - कुन्दन कृति शुभ रात्रि।
#shadesoflife

शुभ रात्रि। #shadesoflife

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कुन्दन सिंह चौहान

When there is a rocky path filled in the journey of life. Then sometimes situations also become like mountains. The body is there, it is bound to be tired. And losing in this exhaustion is also not a big deal. If anyone can save us from this certain defeat, it is just and only our stubborn enthusiasm. Thank God that I too have been awarded these "stubborn spirits." they never let me down & lose.

          - Kundan Chauhan Kç good morning 🙏

good morning 🙏

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कुन्दन सिंह चौहान

धूप!

महसूस किया है, 
कभी खुद को तुमने?

सह सकते हो,
खुद की तपिश को तुम?

भरी दुपहरी में,
बन सकते हो,
तुम भी कामगार कभी?

उठाया है कभी तुमने भी,
अपने कंधो पर,
जिम्मेदारियों का बोझ?

नहा सकते हो तुम भी,
ठन्डे पानी के बजाय,
मेहनत के पसीने से कभी?

चलो! बनो कभी,
तुम कामगार,
और मै धूप।

©® कुन्दन सिंह चौहान। #sunlight
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कुन्दन सिंह चौहान

जिंदगी की गुफा,
उम्र का मुहाना,
संकरा सा वक्त,
भाग्य तू प्रवेश कर!

संघर्षों का सितम,
उम्मीदों का बोझ,
लड़खड़ाते कदम,
भाग्य तू प्रवेश कर!

आसमां बनी मंजिल,
सीढ़ियां भी तोड़ती दम,
चड़कती हैं हर कदम,
भाग्य तू प्रवेश कर!

अरसे हुए सांझ को,
निशा भी तैयार बैठी,
अब तो तू सूर्योदय कर,
भाग्य तू प्रवेश कर!
                 -कुन्दन सिंह चौहान good night

good night #Life_experience

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