बहुत सुंदर बहुत भोली बड़ी चंचल है इक लड़की न पूछो कौन है वो उम्र क्या है लगती कैसी है बस इतना जान लो सच होके भी वो स्वप्न जैसी है कि उसका ख़्वाब आने से मेरी आँखें महकतीं हैं हरेक निर्झर के झड़ने में मधुर संगीत उसी का है कि उसके सामने यदि चाँद चख लूँ तो भी फ़ीका है हवाओं में है छुअन उसकी धनक में है उसी का रंग झलक यदि देख ले उसकी तो परियाँ भी हो जाऍं दंग जहाँ पर पाँव रख दे वो वहीं जन्नत-सा आलम हो शिवालय में जला दीया है,तुलसी-दल है इक लड़की ©Ghumnam Gautam #ghumnamgautam #लड़की #परियाँ ##शिवालय