जैसी भी थी मेरी खूबसूरती के कायल थे तुम, दीवानों की तरह मेरे पीछे पागल थे तुम, ठोकरो ने अकेले चलना सीखा दिया तुम्हें, वरना आज भी मेरी कलाई पकड़ कर चल रहे होते तुम, आज भी तुझे ये गलतफहमी है की तेरी खूबसूरती के कायल थे हम, प्यार सिद्दत से किया था तेरे पीछे पागल नही थे हम, और चलना तो मैंने बचपन में ही सीखा था, कोई नज़र ना उठाये तुम पर इसलिय तुम्हारी कलाई पकड़ कर चलते थे हम, तेरे बारे में अब क्या बताये की, क्या थी तुम, Coffee को भी चाय बोला करती थी तुम, खूबसूरती की मिसाल देने वाली हुस्न की मल्लिका, मुह धुलने को भी makeup बोला करती थी तुम, #शिकायत