सुन मेरी चीखें मन तेरा भी तो रोता होगा जानती हूँ मैं, कहाँ तु भी चैन से सोता होगा जब तेरे सामने मैं शर्मसार हुई थी घटना यही बार-बार हुई थी तेरे भीतर के दावानल की भी लपटें उठी होगी आखिर तेरे लिए भी तो सीता लुटी होगी शायद तेरी भी कोई वेदना, व्यथा रही होगी उसी डर से तो तु मौन हो जाता होगा और हर अपना तेरे लिए 'कौन' हो जाता होगा सुन मेरी चीखें मन तेरा भी तो रोता होगा जानती हूँ मैं, कहाँ तु भी चैन से सोता होगा मानवता की भावना लिए जब मैंने तेरी ओर हाथ बढ़ाया था याद है मुझे, कैसे तुने फटकार लगाया था जो तेरे बच्चे मेरी ओर आ रहे थे, तुने उन्हें भी डाँट-डपटकर भीतर भगाया था, नाराज नहीं हूँ मैं तुझसे, मुझे इस बात का भी एहसास है कि तेरे लिए मुझसे भी ज्यादा कोई 'खास' है आज मैं हूँ नहीं, पर मेरे ये सवाल है रोका क्यूँ था तुने खुद को, क्या वाकई तु इतना कंगाल है???? #सुन_मेरी_चीखें #जुर्म#सुरक्षा #कैसा_है? #बताए_खुद_को_समझाए