White दो गमों को इंतहा..ऐ वक्त गुजरने दो.. मिलता है सुकून गर बाजारों में.. मुझको खरीदार बनने दो। बेरुखी मोहब्बत से..सिरफिरों को संभलने दो.. मयखाने में डूबे गर आशिकों के आंसू.. मुझको मयशाला बनने दो। फिरते हैं हुस्न लिए बेवफाई का दामन गली गली... बिकती है गर वफाएं बाजारों में.. मुझको खरीदार बनने दो। ©deepti #flowers #बस यूँ ही