ख्वाब जो देखे थे आंखों में, वो सब अश्कों में बह निकले। हमने चाहा था उन्हें जान से, पर वो तो वफा से दूर निकले। दिल की राहों में थी रौशनी, पर चिराग सब बेनूर निकले। जिन पर था भरोसा सबसे ज्यादा, वो ही वादे अधूरे निकले। अब हर धड़कन की ख्वाहिश है, जो निकले, सिर्फ उनका नाम निकले। पर अफसोस है इस दिल को, हर रास्ता अब वीरान निकले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर