धूमिल कर देती है, वो नजरे तेरी सब दिखता है, कोहिनूर सा जैसे हो वो फरिश्ता मेरा, सूफियाना सा चादर मे लिपटा, एक चांद जैसे बादलों का फ़कीरा चाहत है कि तरन्नुम सा देखू तुझे वो वक़्त भी अधूरा सा रह गया ये वक़्त भी तन्हा कट रहा!! ©chandni #WOMENSAD