White मिले.. शब्दों के अंदर से.... हाथों का स्पर्श, अपनत्व सा था.. रखें आशीर्वाद के उन शब्द में...... मातृत्व के... आंचल सा था....!! मेरे...एहसास की गंगा प्रफुल्लित सी हो गयी है मन के आंगन में आज.. झमाझम बारिश भी हो गयी है जलज के उपर पर दीप जलें है... झंझावातों के आगे.... क्यों कि.... हर्षुल सा वक्ष है उन का... सहारे की लाढी बने...भाई अल्पज्ञ खड़े.......!! तो, बताओं... चेहरों की... लालिमा पर.. संचित आशंका... आखिर क्यों भरे...? अरे, हक है कि लड़कपन ले आऊं उन में..., हक़ है कि, वसंत.. सावन... की गीत सुनीं उन से...!! समाहित मेरे शब्दों में अधुरापन भी है एक... याद आने की स्मृति..... नहीं है कोई एक ... बंद लिफाफे में... उन्हें भी कुछ कहना होगा... शिकायत शब्द रहेंगी, बस इतना ही कहना होगा...!! और मैं कुछ नहीं.. , आवाज और शब्दों का भूखा हूं बधाई हो राधे मां जन्मदिन की, बस यही मैं कहता हूं..!! ©Dev Rishi #राधेमां #जन्मदिन