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ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं।

हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है, कि ‘त्रिवरम सत्यम’ यानी, किसी बात को यदि तीन बार कहा जाए, तो वह बात सच हो जाती है। यही कारण है, कि हम अपनी बात पर बल देने के लिए उसे तीन बार कहते हैं।

वस्तुतः बाधाएं मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं।

आधिदैविक - इनमें शामिल होती हैं अदृश्य बाधाएं, जिन पर हमारा नियंत्रण नगण्य है। जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, आदि।

आधिभौतिक - ये होती हैं हमारे आस पास की बाधाएं, जैसे दुर्घटना, प्रदूषण, अपराध, आदि जिनका जनक, कभी-कभी समाज भी होता है।

आध्यात्मिक - इन बाधाओं में हमारी मानसिक और शारीरिक बाधाएं शुमार हैं, जैसे क्रोध, निराशा, रोग, आदि।

अब जब हम ॐ शांति का मंत्रोचार तीन बार करते हैं, तो हम ईश्वर से सच्चे मन से यही प्रार्थना करते हैं, कि “हे परमेश्वर! जब हम अपने कार्यों का दायित्व निभा रहे हों, तो कम से कम ये तीन तरह की बाधाएं उत्पन्न न हो।” इस दौरान, पहली बार ॐ शांति बोलते समय दैवीय शक्तियों का स्मरण किया जाता है। दूसरी बार, अपने आस पास के वातावरण का और आखिरी में, खुद का स्मरण किया जाता है। इस तरह से मनुष्य अपने जीवन की समस्त बाधाओं का उपचार, केवल ॐ शांति के तीन बार भावपूर्ण उच्चारण से भी कर सकता है। तो भक्तों, आइए और हमारे साथ-साथ आप भी बोलिए, ॐ शांति! शांति! शांतिii



©N S Yadav GoldMine #Past ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं।

हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है, कि ‘त्रिवरम सत्यम’ यानी, किसी बात को यदि तीन बार कहा जाए, तो वह बात सच हो जाती है। यही कारण है, कि हम अपनी बात पर बल देने के लिए उसे तीन बार कहते हैं।

वस्तुतः बाधाएं मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं।

आधिदैविक - इनमें शामिल होती हैं अदृश्य बाधाएं, जिन पर हमारा नियंत्रण नगण्य है। जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, आदि।

आधिभौतिक - ये होती हैं हमारे आस पास की बाधाएं, जैसे दुर्घटना, प्रदूषण, अपराध, आदि जिनका जनक, कभी-कभी समाज भी होता है।

आध्यात्मिक - इन बाधाओं में हमारी मानसिक और शारीरिक बाधाएं शुमार हैं, जैसे क्रोध, निराशा, रोग, आदि।

अब जब हम ॐ शांति का मंत्रोचार तीन बार करते हैं, तो हम ईश्वर से सच्चे मन से यही प्रार्थना करते हैं, कि “हे परमेश्वर! जब हम अपने कार्यों का दायित्व निभा रहे हों, तो कम से कम ये तीन तरह की बाधाएं उत्पन्न न हो।” इस दौरान, पहली बार ॐ शांति बोलते समय दैवीय शक्तियों का स्मरण किया जाता है। दूसरी बार, अपने आस पास के वातावरण का और आखिरी में, खुद का स्मरण किया जाता है। इस तरह से मनुष्य अपने जीवन की समस्त बाधाओं का उपचार, केवल ॐ शांति के तीन बार भावपूर्ण उच्चारण से भी कर सकता है। तो भक्तों, आइए और हमारे साथ-साथ आप भी बोलिए, ॐ शांति! शांति! शांतिii



©N S Yadav GoldMine #Past ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं।

#Past ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं? {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं। #जानकारी