"नैन मेरे हो गए बेवफ़ा देखा जो इन्होंने तुझे पहली दफ़ा,
क़ैद तू हुआ इनमें फिर इस तरह कि ख़्वाबों में तू ही आता रहा।
ये कैसा अनकहा एहसास था जो अनवरत मुझको छूता रहा,
करके मेरी धड़कनों पर काबू मन के गलियारे से गुज़रता रहा।
महसूस करके देखा मैंने तू ही मुझमें घुलकर तू ही मुझमें बाकि रहा,
ये इश्क़ था या इश्क़ की साज़िश कि मैं मैं न रही और दिल भी मेरा ना रहा।।" #Poetry#स्वरचितरचना#AnjaliSinghal