विरह व्यथा अब सही जाती नहीं, बताओ तो एक वज़ह दूर जाने की, कुछ तो कहो शिकवे गिले, बताओ तो एक वज़ह सच छुपाने की। क्यों हमारे दरम्यान बढ़ रही है दूरियाँ, ऐसी भी क्या है मजबूरियाँ, ना अब हमें सताओ, एक मौका तो दे दो ज़िन्दगी में मुस्कुराने की। #Contest12 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 चार पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,