कहीं इन कार्टून की तरह होती ज़िन्दगी इंसान की तो गिले शिकवों से दूर होती ज़िन्दगी इंसान की न रंजिशें न मिसाइल होते न होते कुछ और मरहले ख़ुशमिज़ाज हल्की फुल्की सी होती ज़िन्दगी इंसान की न ख़ौफ़ कोई न दर्द न उलझन कोई न चिंता कल की खेल खेल में ही गुज़रती तब ज़िन्दगी इंसान की खेल खेल में...